Shiv chaisa - An Overview
Shiv chaisa - An Overview
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जय सविता जय जयति दिवाकर!, सहस्त्रांशु! सप्ताश्व तिमिरहर॥ भानु! पतंग! मरीची! भास्कर!...
Shiv Chalisa can be a “forty verse” prayer which praises the Lord and asks for his help in eradicating hardships and obstructions in devotee’s lifestyle.
भाल चन्द्रमा सोहत नीके। कानन कुण्डल नागफनी के॥
ताके तन नहीं रहै कलेशा ॥ धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे ।
It truly is thought that typical chanting of Chalisa delivers contentment, peace, and prosperity within the life of the devotees.
सांचों थारो नाम हैं सांचों दरबार हैं - भजन
धन निर्धन को देत सदा हीं। जो कोई जांचे सो फल पाहीं॥
शिव पूजा में सफेद चंदन, चावल, कलावा, धूप-दीप, पुष्प, फूल माला और शुद्ध मिश्री को प्रसाद के लिए Shiv chaisa रखें।
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जो यह पाठ करे मन लाई। ता पार होत है शम्भु सहाई॥
पूजन रामचंद्र जब कीन्हा। जीत के लंक विभीषण दीन्हा॥
त्रयोदशी ब्रत करे हमेशा। तन नहीं ताके रहे कलेशा॥
. शिव चालीसा लिरिक्स के सरल शब्दों से भगवान शिव को आसानी से प्रसन्न होते हैं
शिव आरती